उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा कृषकों की दुर्घटना वश मृत्यु /दिव्यांग होने की स्थिति में उनके परिवार को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का संचालन किया है । यह योजना 14 सितंबर 2019 से प्रभावी हुई है ।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना इस कारण से महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिकांशतः यह देखा गया है कि यदि किसान के घर के रोटी अर्जक व्यक्ति की किसी दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है अथवा वो दिव्यांग हो जाते है तो उनके घर के अन्य सदस्यों को बड़े आर्थिक संकट से गुजरना होता है । माननीय मुख्यमंत्री जी ने इसी समस्या का समाधान करते हुए “मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना” का एलान किया है . जिससे किसी भी किसान की मृत्यु होने या फिर विकलांग होने की स्थिति में किसान को मुआवजा प्रदान किया जाए तथा उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जाए ।
अब हम इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं की किसान इस योजना का लाभ किस प्रकार प्राप्त कर सकता है…..
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना
इस योजना को 21 जनवरी 2020 को लखनऊ में हुयी केबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गयी।मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत 14 सितम्बर 2019 से पहले जितने भी कृषक दुर्घटना के शिकार हुए होंगे उन्हें भी इस योजना का लाभ प्राप्त होगा । यह योजना केवल उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए है। इस योजना के तहत किसी भी किसान को जिसकी किसी दुर्घटना में मृत्यु /विकलांग हो जाता है उसे इस योजना का लाभ प्राप्त होगा । इस योजना के तहत दुर्घटना में जिस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है उसके परिवार वालों को 500000 का मुआवजा दिया जाएगा । तथा यदि कोई किसान दुर्घटना में 60% से ज्यादा विकलांग हो जाता है तो उन्हें योजना के तहत 200000 से ₹300000 का मुआवजा दिया जाएगा । राज्य के किसानों के आश्रित परिवार वालों को योजना के अन्तर्गत निहित धनराशि का लाभ प्रदान किया जाएगा ।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की विशेषताए –
यह योजना उत्तर प्रदेश के निवासी ऐसे कृषकों के लिए है, जो दुर्घटना् वश मृत/दिव्यांग हो जाते हैं । मुख्यमंत्रीकृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लाभार्थी सभी तरह के किसान हो सकते हैं ।
इस योजना को शुरू करके सरकार का एकमात्र उद्देश्य हैं की किसी दुर्घटना के कारण यदि किसान को कुछ हो गया तो आर्थिक स्थिति को सुधारने हेतु धन राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याणयोजना के द्वारा कृषकों की दुर्घटना बस मृत्यु या दिव्यांग होने की स्थिति में उनके परिवार को सामाजिक तथा आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना मुख्य उद्देश्य है।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याणयोजना को राज्य सरकार द्वारा सहयोग दिया जायेगा और इसकी देख रेख कलेक्टर द्वारा किया जायेगा ।
उन किसानो के परिवारों को भी आर्थिक सहायता दी जाएगी जो मृत्यु या विकलांगता के शिकार 14 सितम्बर 2019 के बाद हुये हो।
कुछ समय पहले यह प्रविधान था कि किसी किसान की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके परिवार वालों को 45 दिन के अंतर्गत आवेदन करना होता था । अगर 45 दिन के बाद कोई आवेदन करता है तो उसका आवेदन स्वीकार नही किया जाता था । हालाँकि जिला कलेक्टर द्वारा 1 महीने का समय और दिया जाता था । परन्तु 14 मार्च 2023 को इसमें संशोधन किया गया है जो इस प्रकार है ….
2023 मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में हुआ बड़ा
बदलाव
दिनांक 14/03/2023 को शासनादेश सरकार की तरफ से जारी हुआ। जिसमे यह निर्धारित किया गया की कृषक की दुर्घटना बस मृत्यु अथवा दिव्यांगता होने पर कृषक के वारिसों को आवेदन पत्र को अधिकतम 3 माह अर्थात 90 दिनों की अवधि में संबंधित तहसील कार्यालय में जमा कराना होगा । अपरिहार्य परिस्थिति में विलंब से आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की दशा में आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की अवधि को 3 माह तक कारण सहित बढ़ाने का अधिकार जिलाधिकारी में निहित है अर्थात इसका अधिकार जिलाधिकारी को प्राप्त होगा। किसी भी दशा में 6 माह 180 दिन के पश्चात प्रस्तुत आवेदन पत्र पर विचार नहीं किया जाएगा।
दिनांक 14/03/2023 से पूर्व यह अवधि सिर्फ 45 दिन थी और इस निर्धारित समय सीमा के भीतर ही मृत्यु अथवा दिव्यांगता होने पर कृषक के वारिसों को आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होता था और अपरिहार्य परिस्थितियों मे सम्बन्धित जिले के जिलाधिकारी को यह अधिकार होगा कि वह कारण सहित 30 दिन का विलंब क्षमा कर सकते थे । अर्थात किसी भी परिस्थितियों में दावा पत्रावली 75 दिन के अंदर प्रस्तुत करना होता था ।
उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में कौन-कौन सी दुर्घटना शामिल है
आइए जानते हैं कि कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ किन किन दुर्घटनाओं में प्राप्त होता है जो कि इस प्रकार है….
किसान की आग लगने से मृत्यु होने पर, बाढ़ में डूबने, बिजली गिरने, करंट लगने, सांप के काटने व जीव जंतु जानवर द्वारा काटने मारने या आक्रमण से होने वाली क्षति से, समुद्र में डूबने, नदी में डूबने, झील में, तालाब में, पोखरी व कुएं में डूबने से आंधी तूफान से मृत्यु वृक्ष से गिरने दबने मकान गिरने रेल रोड वायुयान अन्य वाहन आदि से दुर्घटना होने पर भूस्खलन भूकंप गैस रिसाव विस्फोट सीवर चेंबर में गिरने अथवा अन्य किसी कारण से कृषक की दुर्घटना व समितियों या दिव्यांगता होती है तो कृषक के वारिसों को इस योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता प्राप्त होगी ।
उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की कुछ आवश्यक शर्तें है
कृषक की मृत्यु या दिव्यांगता की तिथि को उसकी आयु 18 से 70 वर्ष तक होनी चाहिए।
दुर्घटना बस मृत्यु या दिव्यांगता के प्रकार की प्रकृति इत्यादि के संबंध में यदि कोई विवाद उत्पन्न होता है तो उससे संबंधित जिलाधिकारी का निर्णय अंतिम एवं अधिकारी होगा।
कृषक के मृत्यु या दिव्यांगता यदि आत्महत्या या आपराधिक कार्य स्वयं करते समय होता है तो ऐसी दशा में इस योजना के अंतर्गत कृषक को किसी भी तरह की सहायता प्राप्त नहीं होगी।
उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत मिलने वाली आर्थिक सहायता
इस योजना के अंतर्गत कृषक की दुर्घटना में मृत्यु अथवा दिव्यांगता की स्थिति में अधिकतम ₹500000 की सहायता दी जाएगी जोकि राज्य सरकार द्वारा वाहन की जाएगी इसका वितरण इस प्रकार होगा…..
यदि किसी कृषक की मृत्यु अथवा पूर्ण शारीरिक अक्षमता की स्थिति होती है तो उस स्थिति में कृषक के वारिश को पूर्ण धनराशि प्राप्त होगी
यदि कृषक के दोनों हाथ अथवा दोनों पैर अथवा दोनों आंखों के क्षति हो जाती है उस स्थिति में भी कृषक को पूर्ण धनराशि प्राप्त होगी।
यदि कृषक की दुर्घटना में एक हाथ तथा एक पैर की क्षति होती है तो उस स्थिति में भी पूर्ण धनराशि प्राप्त होगी .
यदि कृषक के एक हाथ एक पैर या फिर एक आंख अर्थात शरीर के किसी भी एक अंग की क्षति होती है उस स्थिति में इस धनराशि का आधा हिस्सा कृषक को प्राप्त होगा।
यदि स्थाई दिव्यांगता 50% से अधिक होने पर किंतु 100% से कम होने पर धनराशि का आधा हिस्सा प्राप्त होगा।
वही यदि स्थाई दिव्यांगता 25% से अधिक होने पर किंतु 50% से कम होने पर पूर्ण धनराशि का 25% धनराशि कृषक को प्राप्त होगा .
विशेष
यदि कोई कृषक मृत्यु यह दिव्यांगता की तिथि को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में बीमित है । तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा किसी भी अन्य योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता से आच्छादित है । तो उसकी दुर्घटना मृत्यु या दिव्यांगता की दशा में सामान्य रूप से उसकी विधिक वारिस या स्वयं कृषक को इस योजना के अंतर्गत सहायता के धनराशि को समायोजित करते हुए अंतर की धनराशि राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा .
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए पात्रता
आवेदक मूल रूप से किसान या किसान आश्रित परिवार का होना चाहिए।
आवेदक उत्तर प्रदेश में स्थायी निवास हो।
किराए की भूमि पर खेती करने वाला किसान भी आवेदन का पात्र हैं।
आवेदक किसान का आधार कार्ड, बैंक खाते से जुड़ा होना चाहिए
दुर्घटना 14 सितंबर 2019 के बाद का होना चाहिए
आवेदक किसान की आयु कम से कम 18 वर्ष और ज्यादा से ज्यादा 70 वर्ष होनी चाहिए।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कृषि कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत कृषक वारिसों को सहायता प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं जो इस प्रकार है
खतौनी की प्रमाणित प्रति
रजिस्टर्ड निजी पत्तेदार हेतु कोई एक प्रमाणित पत्र
बटाईदार हेतु कोई एक प्रमाण पत्र
आयु प्रमाण पत्र -आयु प्रमाण पत्र हेतु निम्नलिखित में से कोई भी एक साक्ष्य प्रस्तुत कर सकते हैं जैसे कि
हाई स्कूल प्रमाण पत्र
परिवार रजिस्टर की प्रति
वोटर आईडी कार्ड
पासपोर्ट
ड्राइविंग लाइसेंस
आधार कार्ड
पैन कार्ड
निवास प्रमाण पत्र -उत्तर प्रदेश के निवासियों हेतु निवास प्रमाण पत्र निम्न में से कोई एक साक्ष्य प्रस्तुत किया जा सकता है जैसे कि..
पासपोर्ट
ड्राइविंग लाइसेंस
राशन कार्ड
वोटर आईडी कार्ड
आधार कार्ड
उप जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी निवास प्रमाण पत्र
4 . पोस्टमार्टम रिपोर्ट अथवा जहां पर पोस्टमार्टम संभव नहीं है वहां पर पंचनामा पांचवा
मृत्यु प्रमाण पत्र
दिव्यांगता की स्थिति में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र
उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र( केवल विवादित उत्तराधिकारी की दशा में
बैंक पासबुक की फोटोकॉपी
मोबाइल नंबर
आधार नंबर
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना ऑनलाइन अप्लाई करने का प्रोसेस
इस योजना के तहत दो प्रकार से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को पूर्ण किया जा सकता है।
नजदीकी जन सेवा केंद्र में जाकर
घर बैठे सिटीजन पोर्टल का उपयोग करके
नजदीकी जन सेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन करने में आसानी होगी, लेकिन यदि सिटीजन पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना चाहे तो निम्नानुसार चरणों का पालन करें –
हमें सबसे पहले मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजनाके पंजीकरण हेतु उत्तर प्रदेश के ई-साथी पोर्टल http://esathi.up.gov.in पर जाना होगा। होम पेज पर आपको सिटिज़न लॉगिन विकल्प पर क्लिक करना है।
अब आपके सामने एक नया पेज ओपन हो जायेगा , यहां पर आपको नये यूज़र के रूप में अपना पंजीकरण करना होगा, इसके लिए आपको नये उपयोगकर्ता पंजीकरण विकल्प को चुनना होगा।
इसके बाद किसान नागरिक आवेदन पंजीकरण फॉर्म खुलेगा . हमें इसे भरना होगा . यहां पर आपको अपनी एक लॉगिन आईडी डालना है . नाम, जन्म तिथि, लिंग, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि भरना होगा। इसके बाद कैप्चा कोड भरकरसबमिट कर देना है।
इसके बाद रजिस्ट्रेशन हो जायेगा।
रजिस्ट्रेशन होने के बाद ईमेल व मोबाइल पर यूजर आईडी व पासवर्ड प्राप्त हो जायेगा .
इसके बाद फिरसे लॉगिन पेज पर आ जाना है, और वहां पर अपनी यूजर आईडी व पासवर्ड से लॉगिन कर लेना है।
इसके बाद नया पेज खुलेगा, जिसमें कृषि विभाग की सेवा वाले भाग में क्लिक करें। जिसके अंतर्गत मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना को क्लिक करना है।
जहा पर योजना का आवेदन फॉर्म खुल जाएगा।
फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी सही सही से भरना होगा .
जानकारी भरने के बाद दुर्घटना के इलाज से संबंधित मांगे गए सभी दस्तावेज के स्कैन कॉपी को अपलोड करके सबमिटकरना होगा .
आवेदक को मोबाइल नंबर पर पंजीकरण संख्या प्राप्त होगा।
इस पंजीकरण संख्या का प्रयोग करके फिरसे लॉगिन करके आवेदक अपने आवेदन की स्थिति को देख सकते हैं।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना ऑफलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत किसान या किसान के परिवार को जिला कलेक्टर के पास एक आवेदन पत्र लिख कर देना होता है .
जिस आवेदन पत्र में घटना का पूरा विवरण होना चाहिए और किसानो को इस योजना का लाभ देने के लिए कुछ समय दिया जायेगा.
इसके उपरांत ये आवेदन पत्र कुछ समय के लिए तहसील में जमा होगा जहा सम्बंधित तहसीलदार अपने आधिनस्त करमचारियो के माध्यम से आवेदन पत्र में दी गयी सूचनाओ का परिक्षण कराकर अपनी स्पष्ट संस्तुती सामान्यतः दो सप्ताह के अन्दर आवेदन पत्रा्वली जिलानधकारी को प्रेषित करेंगे
इसके पश्चात जिला अधिकारीयों द्वारा घटना और दस्तावेजों की पूरी जांच पड़ताल होगी जिसमे एक सप्ताह का समय लगता है .
आवेदन पत्र के स्वीकृत होने की दशा में कृषक के बैंक खाते में सहायता धनराशि का भुक्तान किया जाता है .
कृषक या उसके परिजनों को जिला कलेक्टर के पास दुर्घटना से संबंधित सारे विवरण को दर्शाते हुए आवेदन पत्र देना होता है ।.
हमने इस लेख के माध्यम से उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के बारे में बताने का प्रयास किया है। आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए लाभप्रद होगा यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा तो आप हमारे अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारे वेबसाइट https://chandanasingh.com/पर विजिट कर सकते हैं