Law of Attraction क्या है
Law of Attractionजिसे अकर्षण का नियम भी कहते हैं ।इसका सीधा सा अर्थ है कि हम अपने जीवन में जैसा विचार करते हैं या जो सोचते हैं हम ब्रह्मांड से वही आकर्षित भी करते हैं। यदि हम अपने विचारों को सकारात्मक रखते हैं तो हम ब्रह्मांड से सकरात्मकता ही आकर्षित करते हैं । और यदि हमारे विचार नकारात्मक होंगे तो हम नकारात्मकता ही आकर्षित करेंगे। अकर्षण के नियम द्वारा अपने विचारों और अपने कर्मों से अपनी ओर वह आकर्षित कर सकते हैं जो ब्रह्मांड से हम अपने जीवन में चाहते हैं। चाहे अपनी मनचाही नौकरी हो अपना मनचाहा प्रेम या अपनी मनचाही जीवन। यह आकर्षण का सिद्धांत उर्जा से निर्मित है । इसलिए हम कह सकते हैं कि अपने अंदर जिस प्रकार की ऊर्जा रखते हैं उसी प्रकार की ऊर्जा बाहर भी छोड़ते हैं वही ऊर्जा हमारे पास वापस भी लौट के आती है। इस नियम को यथार्थ करने के लिए हमें कुछ मूल बातो का ध्यान देना होता है। जिसमे हमें पूरी तरह से सकारात्मक मानसिकता के साथ रहना होता है। खुद पर भरोसा (जिसे सेल्फ लव )होना आवश्यक है और मन शांत होना चाहिए। ओम शांति ओम’ फिल्म का डायलॉग जिसमे कहा गया है “ अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है.” यह डायलोग भी इसी नियम से सम्बन्धित है । इस नियम को अपने जीवन में अमल करने के लिए इसके कुछ नियमो को जान लेना आवश्यक है । इसके बहुत से नियम है एक एक कर के हम इसपर बात करेगें .पहेला नियम है ASKING/ FEELING / BELIEVING / ACTION / RECEIVING इस पूरे प्रोसेस में कुछ स्टेप है जो इस प्रकार है –
ASKING (मांगना)
FEELING (अनुभूति /भावना
BELIEVING (विश्वास करना)
ACTION (कार्य करना)
RECEIVING (प्राप्त करना)
ASKING (मांगना)
आस्किन या मांगना जैसे हम किसी दुकान पर जाते हैं तो हम दुकानदार से वह चीज मांगते हैं जो हमें चाहिए होता है ।ना कि वह बिना मांगे हमें कोई चीज दे देता है । इसी प्रकार ब्रह्मांड या यूनिवर्स से भी हमें मांगना पड़ता है। और मांगते समय हमें अपने दिमाग में यह स्पष्टता रखना चाहिए कि हमें मांगना क्या है । इसबात कि स्पष्टता बहुत आवश्यक है । जैसे यदि हम भगवान से या ब्रह्मांड से यह कहते हैं कि हमें बहुत सारा पैसा चाहिए या फिर हमें बहुत अच्छी नौकरी चाहिए। जो हमारे लिए अच्छा है वह सबके लिए अच्छा नहीं हो सकता । इसलिए मागते समय स्पष्टता ज़रूरी है । हो सकता है की एक भिखारी के लिए 1000 बहुत पैसे हैं वह हमारे लिए बहुत नहीं है तो हमें किसी particular चीज को mention करते हुए यह कहना होता है कि भगवान या ब्रह्मांड मुझे इतने पैसे चाहिए ।आपको जितने चाहिए जैसे 2000000 उतना आप बोल सकते हैं । हमें एक और बात का ध्यान रखना होता है की मांगना हमें वही है जो इस ब्रह्मांड में उपस्थित हो। जैसे हम 2000000 मांग रहे हैं तो वह इस दुनिया में है ,एक बड़ा घर मांग रहे हैं वह भी इस दुनिया में है। यदि हम यह कहे कि हमें भगवान ही मिल जाए तो यह मुमकिन होना असंभव है। तो हमें मांगना वही है जो ब्रह्मांड में उपस्थित है। मांगते समय हमें भरोसा होना चाहिए कि हम जो मांग रहे हैं वह हमें ब्रह्मांड जरूर देगा।
FEELING (अनुभूति /भावना)
दूसरा स्टेट है फीलिंग या भावना। मांगते समय हमें ध्यान रखना है कि उस समय हम महसूस कैसा कर रहे हैं .यानी जो हम मांग रहे हैं उस पर्टिकुलर चीज के लिए हम क्या महसूस करते हैं। मांगते समय हमें वही महसूस करना है की हमें वह चीज प्राप्त हो चुका है और हम वही जीवन जी रहे हैं .इस तरह का वाइब्रेशन क्रिएट करना होगा। जैसे आपको एक अधिकारी बनना है आपने ईश्वर से यही कामना की हुई है कि आप आने वाले समय में एक अधिकारी बन जाए। तो आपको वही वाइब्रेशन क्रिएट करना होगा ।यह महसूस करना होगा कि आप उसी समय से अधिकारी बन चुके हैं। आपका सिलेक्शन हो चुका है। आपको अप्वाइंटमेंट लेटर भी प्राप्त हो चुका है। आप उसी तरह से महसूस करिए की आप अपने उस अधिकारी वाले कुर्सी पर बैठ भी चुके हैं और उसी तरह के व्यवहार भी करिए ।अर्थात आपको एक सकारात्मक वाइब्रेशन क्रिएट करना है। हमने शुरू में ही यह बात स्पष्ट कर दी है कि लॉ ऑफ अट्रैक्शन के लिए या आकर्षण के नियम के लिए व्यक्ति को सकारात्मक होना बहुत आवश्यक है। हमें जो भी मांगना है कभी भी ना ,नहीं , कभी नहीं किसी इस तरह के शब्दों से बचना चाहिए।
BELIEVING (विश्वास करना)
तीसरा स्टेप होता है BELIEVING /विश्वास । हमें यह विश्वास होना चाहिए कि हमने जो भी ब्रह्मांड से मांगा है वह हमें जरूर मिलेगा। अक्सर यह देखा जाता है कि लोग स्वयं पर भरोसा नहीं करते। हमें खुद पर संदेश नहीं होना चाहिए कि यह कैसे होगा या फिर यह हमें प्राप्त हो भी सकता है या नहीं इस तरह का बिल्कुल भी व्यवहार नहीं रखना है। हमें पूरी तरह से यह भरोसा करना चाहिए कि हमने जो भी ब्रह्मांड से मांगा है वह हमें जरूर प्राप्त होगा । क्योंकि हम यह डिजर्व करते हैं और हमें मिलना ही चाहिए और हमें मिलेगा। इस भाव के साथ ही मांगना चाहिए। यदि हमें स्वयं पर जरा भी संदेह होता है तो लॉ ऑफ अट्रैक्शन का नियम कार्य नहीं करता ।
ACTION (कार्य करना)
चौथा स्टेप है ACTION /कार्य करना। कार्य करने का अर्थ यह है कि हम ब्रह्मांड से जो भी मांग रहे हैं या भरोसा कर रहे हैं कि वह हमें प्राप्त होगा ही तो उसी के अनुसार हमें कार्य भी करना होता है ।बिना कार्य किए कोई भी चीज हमें प्राप्त नहीं हो सकती ।उदाहरण एक व्यक्ति एक बाबा के पास जाता है ।और वह बाबा से कहता है कि बाबा मैं यह चाहता हूं कि मुझे एक बड़ा घर मिल जाए। तो बाबा उससे कहते हैं बच्चा मैं तुम्हें कुछ मंत्र लिख कर देता हूं तुम प्रतिदिन 5 बार 30 दिनों तक लगातार इस मंत्र का जाप करोगे तो तुम्हें जरूर एक बड़ा घर मिल जाएगा। वह व्यक्ति 30 दिनों तक लगातार उस मंत्र का जाप करता है परंतु ऐसा कुछ भी नहीं होता। फिर वह बाबा के पास आता है और कहता है बाबा ऐसा कुछ नहीं हुआ । तो बाबा कहते हैं कि ठीक है मैं तुम्हें दूसरा मंत्र लिख कर देता हूं तुम उसका जाप करो इस बार तुम्हें घर अवश्य प्राप्त होगा। वह दूसरी बार भी पूरे नियम कानून के साथ उस मंत्रों का जाप करता है । परंतु इस बार भी उससे सफलता प्राप्त नहीं होती। वह फिर से बाबा के पास जाता है और गुस्से में कहता है कि आप ढोंगी हैं । तो बाबा उससे पूछते हैं कि क्या आपने पूरी तरह से मंत्रों का ठीक से जाप किया था । वह कहता है हाँ किया था । उन्होंने फिर से पूछा कि 30 दिनों तक किया था उसने कहा हां बाबा ने कहा कि आपने घर बनाने के लिए कौन-कौन से प्रयास किए उसने कहा कि कुछ भी नहीं मैं सिर्फ मंत्रों का ही जाप करता रहा। तो बाबा कहते हैं बेटा मंत्र भी तब ही कार्य कर सकते हैं जब आप अपने घर बनाने के लिए कुछ कार्य करते ।अर्थात घर बनाने से सम्बंधित कुछ प्रयास भी किया होता । केवल मंत्रों के द्वारा ही यह कार्य पूर्ण नहीं हो सकता था । इसलिए किसी भी चीज को प्राप्त करने के लिए मांगने और उसपर विश्वास के साथ-साथ उसके लिए कार्य भी करना आवश्यक होता है ।
RECEIVING (प्राप्त करना)
पांचवा स्टेप होता है प्राप्त करना। प्राप्त करने का अर्थ है कि हमने ब्रह्मांड से जो कुछ भी मांगा है हमें या भरोसा भी होना चाहिए कि वह हमें एक दिन जरूर प्राप्त होगा । और उसी समय से यह सोचना चाहिए कि हमने वह चीज प्राप्त कर ली है और हमें उसी तरह से व्यवहार भी शुरु करना चाहिए।उदाहरण एक व्यक्ति जिसने ब्रह्मांड से यह कहा कि हे भगवान मुझे आईपीएस बना दो वह इतना कहने के बाद ही स्वयं को आईपीएस अधिकारी भी समझने लगा और उसी तरह से वह व्यवहार भी करने लगा । जिससे वह अपने प्रत्येक कार्य को भी उसी दिशा में करने लगा और एक दिन वह वास्तविकता में आईपीएस अधिकारी भी बना। यही 5 स्टेप आपको अपने अल्टीमेट लक्ष्य तक पहुंचाते हैं।
Law of Attractionका दूसरा नियम
अभिकथन (Affirmations)
Affirmation/अभिकथन का अर्थ यही होता है कि हमें सकारात्मक चीजें लिखनी या फिर बोलनी है जैसे हमें वह चीजें मिल ही चुकी है । अब इनको कैसे लिखना है । पहेले हमें अपने मन को पूरी तरह से शांत करना होता है और शांति कि अनुभूति करते हुए। हमें अपने मन को कुछ अभिकथन (Affirmations) देना होता है . तब हमारा मन वैसा ही करेगा जैसा हम उसे करने को कहेंगे. अब स्टेप आता है स्क्रिप्टिंग प्रोसेस को समझना इसमें तीन प्रोसेस होता-
1 – पहली टेक्निक होती है 369 –
इसे बहुत सारे लोगों ने फॉलो किया है और इससे बहुत सारे लोगों के सपने को साकार होते देखा गया है . इसमें हम दिन में तीन बार Affirmations लिखते हैं । सुबह को लिखते हैं । दोपहर को लिखते हैं । और रात को लिखते हैं । सुबह तीन बार लिखते है । दोपहर को छः बार लिखते हैं । और रात को 9 बार लिखते है । परंतु इसमें इच्छा सिर्फ और सिर्फ एक ही होती है अर्थात हम जो मांग रहे है वह एक ही होता है । जिसे हम लगभग 45 दिनों तक लिखते हैं । अगर आपको यह अपनाना है तो 45 दिनों तक करना होगा । इसे लिखना कैसे हैं जैसे हमें किसी से विवाह करना है । हमें शुरू करना है धन्यवाद भगवान से । कृतज्ञता (ग्रेटीट्यूड) को नज़रअनदज़ नहीं करना है। और हम इसी प्रकार लिखते जैसे वह चीज पूरी हो चुकी है। जैसे – धन्यवाद भगवान ।हमारा विवाह हो चुकी है। हम अपने जीवन में बहुत ही ज्यादा खुश हैं । और हमारा नया परिवार बहुत सपोर्टिव है । और आखिर में भी धन्यवाद बोलेंगे। इसी प्रकार आपकी जो इच्छा हो इसी को आधार बनाकर लिख सकते है ।
2 – दूसरी टेक्निक होती है 555
यह सबसे तेजी से पूरा होने वाला तरीका है । इसमें एक Affirmations को आप हर रोज 55 बार लिखते हैं 1 दिन में एक ही बार में । कोई भी Affirmations लिखने का सुबह का समय सबसे अच्छा होता है । क्योंकि आप सुबह ही पूरे दिन का वाइब्रेशन (यह सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों तरह कि होती है ) सेट करते हैं। आपको कैसे वाइब्रेशन रखनी है पूरे दिन में यह सुबह सेट होता है । सुबह लिखने से 5 दिनों तक रोज-रोज 55 बार एक ही इच्छा को लिखना है और उसके बाद उसको रोक देना है । चाहे तो इसको आगे जरी भी कर सकते हैं फिर यह पूरी तरह आप पर है ।
तीसरी टेक्निक होती है 10 X3
इसका प्रयोग तब करते है जब एक से ज्यादा इच्छा को लिखना चाहते है । इसमें हम किसी भी तीन इच्छा को मेनिफेस्ट कर सकते है । इसमें हमें तीनो Affirmations को 10–10 बार लिखेना है । और तब तक लिखना है जबतक हमारी इच्छा पूरी नही हो जाती । सुबह शाम दोपहर आप सारे टेक्निक को एक साथ भी कर सकते हैं इस कार्य को निपटाना नहीं है बल्कि इससे ध्यान से लिखना है। एकाग्र मन से ।
Law of Attractionका तीसरा नियम
पानी के आकर्षण का नियम(Water Manifestation Technique)
जैपनीज साइंटिस्ट इमोतो मसारों ने इस तकनीक का पता लगाया था। इन्होंने पानी पर रिसर्च करना शुरू किया तो पता चला कि पानी में मैग्नेटिक प्रॉपर्टीज होती है जो हमारी भावना और अनुभूतियो को आकर्षित करने की ताकत रखती है। पानी के छोटे छोटे मॉलिक्यूल्स हमारी भावना को अपनी ओर आकर्षित करते हैं । तथा यह भी पता चला कि पानी पर वाइब्रेशंस के असर होता हैं। अब हम बात करेंगे वाटर टेक्निक की । हमारे शरीर का 70% भाग पानी है पानी की जो मेमोरी होती है वह सबसे ज्यादा स्ट्रांग होती है । जो भी वाइब्रेशन किसी भी पानी को मिलती है वह वाइब्रेशन वह इंसान पी लेता है तो वह वाइब्रेशन उस इंसान के अंदर चली जाती है । इसलिए कहते हैं कि जो इंसान बहुत ज्यादा नकारात्मक हो उसके हाथ से पानी नहीं पीना चाहिए ।उसके हाथ का खाना भी नहीं खाते । क्योंकि उसकी वाइब्रेशन हमारे अंदर आ जाती है । जब भी आप पानी पिए उसे सारा पिए खाली मत छोड़ो पानी को सबसे पावरफुल माना गया है। क्योंकि पानी में अपनी मैग्नेटिक पावर होती है अर्थात पानी के सामने जो कुछ भी आता है पानी उसे अपनी और आकर्षित कर लेता है । चाहे वह हमारी फीलिंग हो हमारा इमोशन हो उसको वह बहुत जल्दी आकर्षित कर लेता है । यह बहुत आसान टेकनिक है । पहले स्टेट में हमें ग्लास लेना है दूसरा स्टेप है हमें बिल्कुल फोकस रहना है शांत रहना है ।और जो मेनीफेस्टक करना चाहते है वो ध्यान करे अब तीसरा स्टेप है अपनी Affirmations बनाओ जो भी हमें चाहिए सोचना है चौथे स्टेज में पानी को पीना है इसे अपने परमेश्वर को सोच के 2 मिनट में उसे पी लेना है यह बहुत ज्यादा कार्य करता है ।
Law of Attractionका चौथा नियम
Visualization( कल्पना )
यह भी Law of Attraction का एक नियम ही है । इंसान की सबसे बड़ी ताकत उसकी सोचने की ताकत होती है । क्योंकि आप जैसा भी सोचते और महसूस करते हो वैसा ही हमारे जीवन में होने लगता है। किसी चीज़ के बारे में कल्पना करना और उसे महसूस करना । और इसी चीज़ को हम एक प्रक्रिया के द्वारा करते है जिसे हम visualization कहते है| विजुलाइजेशन का सबसे अच्छा समय होता है सुबह जब हम जागते हैं हल्की नींद में होते हैं तब तथा रात के समय जब हम सोने जाते हैं जब नींद आती है । उस समय हम अच्छा Visualizकर सकते हैं उस समय हमारा सबकॉन्शियस माइंड एक्टिव होता है विजुलाइज की एक टेक्निक है -मूवी मेकिंग टेक्निक इसमें हम जो बनाना चाहते है या पाना चाहते है । हम उसकी कल्पना करते है . ये सब इस प्रकार सोचना चाहिए कि हम जो कुछ पाना चाहते है वह हमें प्राप्त हो चूका है । जैसे -हमें यह सब सोचना चाहिए कि हमें लोग बधाई दे रहे है । हम जो बनना चाहते हैं वह बन चुके हैं है। और यह एक फिल्म की तरह सोचना चाहिए इसे हमें हर सुबह शाम जीना है जब हम महसूस करते हैं तो हमें लगता कि सच है। और यह लगता कि यह सब मिल जाएगा तो क्या होगा तब हम उस चीज के लिए पूरी मेहनत भी करने लगते हैं । इसलिए जितना ज्यादा Visualiz कर सकते हैं उतना करना चाहिए । इसलिए सपना देखना बहुत जरूरी होता है जब हम अपने निश्चित किये गए लक्ष्य के बारे में कल्पना करते है अर्थात उस लक्ष्य को छवियों के रूप में अपने मन में सोचते है और साथ ही साथ उस लक्ष्य को पाने के बाद की स्थिति को अंदर से महसूस करते है तो उसे पाने कि लालसा और बड जाती है जिससे उसे प्राप्त करने के लिए हम अथक कार्य भी करते है ।
- अब हम बात करेंगे लॉ ऑफ अट्रैक्शन में कुछ खास संकल्पना का जिसे समझे बिना Law of Attraction को समझना थोडा सा मुश्किल हो सकता है वो कुछ संकल्पना इस प्रकार है –
ग्रिटीट्यूड
वाइब्रेशन
सबकॉन्शियस माइंड
self-love
Self-Love
सेल्फ लव अर्थात खुद से प्यार । यदि इंसान खुद से प्यार नहीं करता तो Law of Attraction वहां कार्य नही करता । क्योकि उस समय आपको स्वयं पर भरोसा भी नही होता कि आप कोई चीज प्राप्त भी कर सकते हैं । आप खुद के बारे में अच्छा नहीं सोचते है । तो यह पूरा प्रोसेस काम नहीं करता है । इसलिए खुद को एक्सेप्ट करना बहुत जरूरी है। वरना ऐसे में केवल स्वयं में कमी ही देखते रहेंगे इस तरह की सोच हमें आगे बढ़ने नहीं देती . सेल्फ लव ,Law of Attraction का आधार है ।
Subconscious Mind( अवचेतन मन)
सबकॉन्शियस माइंड लॉ ऑफ अट्रैक्शन का एक सिद्धांत है । जबकि सबकॉन्शियस माइंड हमारे मस्तिष्क का एक पार्ट है । हमारा सबकॉन्शियस माइंड 90% हमारे शरीर को कंट्रोल करता है . Subconscious Mind की एक विशेषता है कि इसे हमारे द्वार दिए गए निर्देश जो कि सकारात्मक व नकारात्मक विचारों के रूप में होते हैं। यह हमारे शरीर को कंट्रोल करता है । हमारे शरीर के अंदर के पार्ट को Subconscious Mind ही चलाता है । हम जो भी सोचते हैं हमारा ‘सब कॉन्शस माइंड’ उसे हकीकत में बदलने में जुटा रहेता है। वह सब कुछ करता है । Subconscious Mind कभी सोता नहीं है, कभी रुकता नहीं है, चाहे आप सो रहे हों तब भी यह चलता रहता है।
Gratitude (कृतज्ञता)
अगर आप चाहते हैं के आकर्षण के सिद्धांत के मध्यम से आप अपने मन चाहा जीवन हासिल करना तो हमें Gratitude क्या है यह समझना बहुत आवश्यक है । ग्रिटीट्यूड पर कार्य करने के लिए हमे आपने जीवन में जो कुछ मिला प्रतेक चीज़ के लिए इश्वर को आभार प्रकट करना चाहिए । इसके लिए हमें अपने पूरे दिन में यह देखना चाहिए कि हमारे साथ क्या अच्छा हुआ । सबसे पहले हमें सुबह उठते साथ ही एक बार उसे लिखना चाहिए और फिर रात को एक बार लिखना चाहिए हर रोज ग्रिटीट्यूड नोट लिखना बहुत ही जरूरी है । क्योंकि ईश्वर ने हमें पहले से ही बहुत सारी ऐसी चीजें प्रदान की हुई है जो बहुत से लोगों का सपना होता है । तो उन सभी चीजों के लिए हमें उनका आभार प्रकट करना होता है । इससे धीरे-धीरे चीजें ठीक होने लगती हैं और हमारा माइंडसेट भी बदलता है । तब हमारे अंदर की नकारात्मकता समाप्त हो जाती है और हमारे अंदर सकारात्मकता का प्रवेश होता है । ब्रह्मांड उसी सकारात्मकता को आकर्षित करता है और हमें वह सब कुछ प्रदान करता है जो हमें अपने जीवन से चाहिए होता है ।
वाइब्रेशन
वाइब्रेशन भी हमारी भावना से ही तय होता है । यह दो तरह का होता है पहला सकारात्मक दूसरा है नकारात्मक वाइब्रेशन। हम अगर सकारात्मक वाइब्रेशन अपने चारों तरफ क्रिएट करते हैं तो हम ब्रह्मांड से सकारात्मकता ही आकर्षित करते हैं । उसी तरह जब हम नकारात्मक सोचते हैं तो ब्रह्मांड से हम नकारात्मकता ही आकर्षित करते हैं । अर्थात किसी भी चीज को पाने के लिए हमें उस चीज से अपना वाइब्रेशन कनेक्ट करना होता है । जब तक हमारा उस चीज से वाइब्रेशन मैच नहीं होगा तब तक हमको वह चीज प्राप्त नहीं हो सकती। इसलिए, अगर आप खुशी वाली feelings को universe में फ़ैलाते हैं, तो आप ऐसी चीज़ें ही ज़्यादा पाएंगे जो आपको बेहद खुशी महसूस कराएं। जब आप अपने vibrations को बढ़ाने की कोशिश करेंगे, तो आप अपने आप को प्यार और देखभाल के लायक दिखाएंगे। आप अच्छा महसूस करेंगे और अच्छी चीज़ें ही attract करेंगे। और इसीको ही Law of Vibration कहा जाता है।